हम भूल चुके हैं तुझे।
न तेरी वह आवाज़ याद है जो कानों में रस घोलती थी। न इस बदन पर तेरे प्यार के दस्तख़त याद है। जिनमें हम डूब जाया करते थे, तेरी वे आँखें याद नहीं। कभी लिखे थे तूने जो खत, न वह खत याद है, न उनमें लिखी हुई बातें याद है।
न तेरा एहसास, न तेरी मोहब्बत, न तेरा वजूद, न तेरी मुस्कान, न तेरा गुस्सा, न तेरी रंजिश… हमें अब कुछ भी याद नहीं।
याद है तो बस तुझसे यह दूरी। बाकी… हम भूल चुके हैं तुझे।
~ शीतल सोनी
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