वह प्याली चाय की...
आधी पियो,
आधी मेरे लिए छोड़ दोगे?
बड़ी हसीन मुस्कान है तुम्हारी...
यूँही हँसते रहो,
एक बार सिर्फ़ मेरे लिए मुस्कुरा दोगे?
यह वक़्त तुम्हारा...
सब को देते हो,
एक पल मुझे दे दोगे?
बहुत लम्बी है ज़िन्दगी की राह...
पूरा सफर न सही
दो कदम साथ चल दोगे?
- शीतल सोनी
No comments:
Post a Comment