Friday 22 October 2021

अकेलापन






अकेला इंसान बड़ा मज़बूत होता है. लोग अक्सर अकेलेपन को मायूसी के साथ जोड़ते हैं मगर सच तो यह है कि जिस इंसान को अकेले रहने की आदत पड़ गई हो उसे अपनी खुशी या ग़म बांटने के लिए किसी की ज़रूरत नहीं होती. उदास हुए, रो लिए, खुद ही आँसू पोंछ लिए. किसी कामयाबी पर खुद ही की पीठ थपथपा लिए. पारिवार में या लोगों के बीच रहने वालों के मुकाबले अकेले इंसान को किसी से ज़्यादा अपेक्षा नहीं होती.

वह दोस्ती और साथ तो खूब निभाता है मगर किसी मोह में आसानी से नहीं बंधता कि "तुम नही थे तब भी जी रहा था, तुम नहीं रहोगे तब भी जी लूँगा". और ऐसा भी नहीं कि उनके दिल में सहानुभूति या संवेदनशीलता नहीं. वे दोस्ती तो बड़ी लाजवाब निभाते हैं.

सन्यासी संसार को त्याग कर हिमालय या वन में चले जाते हैं … उस अकेलेपन की ताकत पाने जिससे कुछ इंसान इस दुनिया में जीते हैं.


अकेलेपन में बड़ी ताकत होती है.



शीतल सोनी

No comments:

Post a Comment