Monday 19 September 2016

इसी बहाने से


मैं अपने केश खुले छोड़ दिया करती हूँ  कि
इसी बहाने से
मेरे चेहरे पर गिरी मेरी लटों को
तुम बड़े प्यार से हटाते रहते हो.

बाईक में तुम्हारे पीछे बैठ कर तुमसे कहती हूँ
"मुझे तेज़ रफ़्तार से डर लगता है"
इसी बहाने से
तुमसे ओर ज़्यादा चिपक कर बैठती हूँ.

जान-बुझ कर लड़खड़ाती गिरती हुई चलती हूँ कि
इसी बहाने से
तुम बार बार मुझे संभालते रहते हो.

बेवजह सिरदर्द का रोना रोती हूँ कि
इसी बहाने से
तुम अपने हाथों से मेरा माथा प्यार से सहलाते रहो.

नाचते हुए गिर जाती हूँ
पैर में मोच आने का नाटक करती हूँ कि
इसी बहाने से
तुम मुझे अपनी बाहों में उठा लो.

बारिश का गिरना बहुत पसंद है.
पर बिजली के गिरने से झूठमूठ डर जाया करती हूँ
इसी बहाने से
ज़ोर से तुम्हारे गले लग  जाया करती हूँ.

मैं इन्ही बहानों के ज़रिये
तुमसे बस इतना कहना चाहती हूँ ...

मैं तुमसे बेहद मोहब्बत करती हूँ.

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