Saturday 10 June 2023

मैं भी होली मनाती हूँ.


मैं भी होली मनाती हूँ.


अपनी नीली कमीज़ मेरे घर पर भूल आए… मैं वह पहन लेती हूँ. तुम्हारे रंग में रंग जाती हूँ. तुमने जो पीले गुलाब दिए थे… उसका बिछोना बना कर उस पर सो जाती हूँ. तुमने मंदिर में तिलक लगाया था… उस कुमकुम भरे हाथों से मेरा हाथ छूते हो… मेरे मन में केसर घोल देते हो. तुम जब भी प्यार से देखते हो, गाल गुलाबी हो जाते हैं. प्यार से मेरे तन पर रंग बिरंगी निशानी छोड़ जाते हो. हाँ, मैं भी होली खेल लेती हूँ.

~ शीतल सोनी


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