आगे चल पड़े हो
अब पीछे मुड़ कर मत देखना।
जो पहले कभी मेरे लिए थी ही नहीं
वह फ़िक्र अब मत जताना।
अब पीछे मुड़ कर मत देखना।
तुम आदत बन गए थे।
अब आदत भुलाने की कोशिश कर रही।
तुम इस कोशिश को मुश्किल मत करना।
अब पीछे मुड़ कर मत देखना।
वह एहसास, वह परवाह,
साथ बिताया हुआ हर हसीन लम्हा…
मुझे याद है, पर तुम भूल जाना।
अब पीछे मुड़ कर मत देखना।
शायद मुझ में ही कोई कमी रही होगी।
शायद मेरी क़िस्मत ही खराब होगी।
खैर, तुम्हारी खुशी के लिए हर पल दुआ करूँगी।
बस…
अब पीछे मुड़ कर मत देखना।
~ शीतल सोनी
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