Saturday 10 June 2023

तुम अब किनारे पर ही रहना


 

मेरा मन अब गहरा समंदर बन चूका है.

तुम अब किनारे पर ही रहना. 


न कोई मोती, न ख़ज़ाने हैं दफ़न, 

अरमानो के डूबे जहाज़ हैं सिर्फ़.

तुम अब किनारे पर ही रहना. 


तिनके झूठे हैं सारे,

तुम तिनको का भी सहारा मत लेना. 

तुम अब किनारे पर ही रहना. 


किनारे पर बैठे बैठे 

तुम्हे अगर लगता है कि 

यह उछलती लहरें ही मेरा वजूद है... 

तो जो तुम्हें ठीक लगे वह समझना. 

मगर अब... 

तुम किनारे पर ही रहना. 

~ शीतल सोनी 


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