Saturday 10 June 2023

सोचते हैं

 सोचते हैं...


जो पल तेरे साथ बिताए

उन पलों को खुद पर बिताए होते।


जितना खयाल तेरा रखा

खुद का भी उतना खयाल रखते।


जितना इंतेज़ार करवाया तूने

वह वक़्त कहीं ओर शादाब करते।


जिन लफ़्ज़ों से तुझे खत लिखा

उसे अपनी ही दास्तान बयान करते। 


मगर फिर शायद

हम ज़िन्दगी कुछ कम जीते। 


- शीतल सोनी

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