Saturday 21 April 2018

कुल्फी



कुल्फ़ीवाले के यहाँ खड़े हैं. खुद के लिए एक कुल्फी ली होती है और कोई बच्चा पास आ कर आप से कहता है "मुझे भी कुल्फी खानी है. खिलाइये ना!"
आप आसपास देखते हैं. कोई और नज़र नहीं आता उस बच्चे के साथ. एक कुल्फी की ही तो बात है. आप उसके लिए एक कुल्फी खरीद कर देते हैं और तब एक ओर बच्चा आ जाता है. "मुझे भी कुल्फी खानी है. खिलाइये ना!"
और यह सिलसिला शुरू हो जाता है. कतार में. आप या तो उन बच्चों को अनदेखा कर के अपनी कुल्फी का मज़ा ले सकते हैं या फिर इससे नेकी का काम समझ कर बारी बारी बच्चों को कुल्फी खिलाते रहते हैं.
कभी कभी सोचती हूँ कि कितने खुशकिस्मत होंगे वो जिन्हे यूँ कोई कुल्फी खिलानेवाला हो. और कभी यह सोचती हूँ कि कितने काबिल होंगे वो जो औरों को कुल्फी खिलाते हैं.
खैर, अगर आप इन बच्चों को कुल्फी खिलाते हैं तो इतनी सलाह दूंगी कि अपनी कुल्फी की तरफ भी ध्यान देते रहिएगा. वरना आपको ज़िन्दगी भर का रंज रह जायेगा कि काश आपने भी कुल्फी का लुत्फ़ लिया होता.

ज़िम्मेदारियों जैसे बच्चे, ख्वाहिशें जैसे कुल्फी.

3 comments:

  1. कभी कुल्फी बेचने वाले पे भी गौर करना

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  2. Good one ! Will follow your ‘ advice ‘ if I have Kulfi next !

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  3. अगर सच बोलू तो मुझे कुल्फी बच्चों में बांटना ज्यादा स्वादिष्ट लगता😊😊

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