'बिज़नेस कैसा जा रहा है? ऑपरेशन के बाद मम्मी की तबियत तो ठीक रहती है ना? रोहन कैसा है? कल मैं पापा की आँखों का चेक-अप करवाने जा रही हूँ. कुछ दिनों से सर में दर्द की शिकायत कर रहे हैं. शायद नए चश्मे की ज़रुरत हो उनको. ध्रुव ने पिछले हफ्ते से स्केटिंग क्लास शुरू की है और रोज़ शाम 7 बजे स्केटिंग के लिए जाता है. चलो, आज रविवार है तो उससे बाहर घुमाने ले जा रही हूँ. मम्मी पापा अपना आशीर्वाद भेजते हैं.
अपना खयाल रखना - नैना.'
मन की ख़ुशी आँखों की चमक बन कर झलक रही थी. उसने ख़त को फिर से पढ़ा. गुलाबी रंग के लिफ़ाफ़े में डाला. कबर्ड खोला और दो साल से हर महीने लिखे जाने वाले ख़त के संग्रह में इस ख़त को भी रख दिया.
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