बहुत मुस्कुराते हैं वो, जब भी उदास है होते ...
झूठ सिर्फ अल्फ़ाज़ से नहीं बोले जाते.
दिल में तमन्ना किसी ओर की रखते हैं,
किसी ओर को हैं गले लगाते ...
झूठ सिर्फ अल्फ़ाज़ से नहीं बोले जाते.
जेब भरी होती है सिक्कों से
मदद की गुहार को मगर खाली हाथ हैं दिखाते ...
झूठ सिर्फ अल्फ़ाज़ से नहीं बोले जाते.
हाथ मिलाते हैं हमसे वो बड़ी मोहब्बत से
आस्तीन में अपनी मगर खंजर छुपाए ...
झूठ सिर्फ अल्फ़ाज़ से नहीं बोले जाते.
करते हैं इबादत उस खुदा की
उसी के बंदों को फिर है मार गिराते ...
झूठ सिर्फ अल्फ़ाज़ से नहीं बोले जाते.